नन्हा संगीतकार
हेनरिक सॅकेविच
1. मां जैनको को क्या कहकर
बुलाती थी ? उत्तर - चेंजलिंग |
2. किसकी चाहत में बदनसीब
जैन की जान ले ली ? उत्तर :- वायलिन पाने की
3. नन्हा संगीतकार कहानी
के कहानीकार कौन है ? उत्तर : हेनरिक सॅकेविच
4. छोटे से बच्चे का नामकरण
किसने किया ? उत्तर: लुहार की स्त्री ने
5. चौकीदार जैन को को कहां
ले गया ? उत्तर अस्तबल में ।
6. चौकीदार ने उस बच्चे की
पिटाई किससे की ? उत्तर - बेत से
7. जिनको की मृत्यु शैया
के पास क्या रखा हुआ था ? उत्तर:- सारंगी ।
8. जिनको को सबसे अधिक किस
चीज से मोहब्बत थी ? उत्तर संगीत से ।
9. सेंकेविच को कौन सा पुरस्कार
मिला था ? उत्तर : नोबल पुरस्कार ।
10. सैकेविच कहां के लेखक
थे ? उत्तर:- पोलैंड के
11. सेंकेविच की जन्म तथा
मृत्यु कब हुई ? उत्तर- 1847 1916
12. सेंकेविच का पुरस्कृत
उपन्यास था ? उत्तर - को विडम
13. को विडम का अनुवाद कितने
भाषाओं में हो चुका है ? उत्तर:- 60 भाषाओं में
14. तुम चुपचाप लेटी रहो
यह किसका कथन है ? उत्तर:- लोहार की पत्नी ।
15. पादरी ने आकर क्या किया
? उतर पूजा पाठ
16. जिनको की कुटिया के छत
पर कौन पक्षी बोल रहा था ? उत्तर:- पपीहा ।
17. पपीहा पक्षी का बोलना
माना जाता था ? उत्तर :- सकून ।
18. जिनके बाल कैसे थे ?
उत्तर: धूसर
19. खाना ना मिलने पर जैन
जंगल में क्या खोजता था ? उत्तर : मशरूम ।
20. जैन के सर पर किसके टोपी
रहती थी ? उत्तर : पुआल की
21. जैन की मां उसे क्या
कह कर पुकारती थी ? उत्तर :- चेंजलिंग |
22. जैन की मा उसकी किससे
पिटाई करती थी ? उत्तर- कलछी से
23. मैं तेरा बाजा बजा बजाऊंगी
किसका कथन है ? उत्तर: जेन की माँ का
24. पादरी को क्यों बुलाया
जा रहा था ? उत्तर :- जैन के नामकरण के लिए ।
25. किसका इस दुनिया से विदा
लेने का इरादा नहीं था ? उत्तर: जैन का ।
26. जैन के 4 बरस के हो जाने
पर क्या घटना घटी ? उत्तर : जेन जब चार बरस का था तो एक दिन झोपड़ी
की छत पर पपीहे ने तीन बार
कुहु कुहु की तान छेड़ी l
27. जैन का शरीर कैसा था
? उत्तर: जैन का शरीर पतला दुबला और रोगी जैसा था।
28. जैन रात को क्यों नहीं
सो पाता था ? उत्तर : जैन को रात में पशु पक्षियों की आवाज सुनाई देती थी
इसलिए वह नहीं सो पाता था
।
29. जैन को लोग प्यार से
क्या कह कर पुकारते थे ? उत्तर – जेन्को ।
30. जैन के संगीत
प्रियता को देखकर लोग उसे क्या कह कर पुकारते थे ? उत्तर: संगीतकार जेन्को ।
31. जैन क्या पाने के
लिए सब कुछ करने को तैयार था ? उत्तर:- वायिलन पाने के लिए।
32. लेखक ने जैन की
तुलना किससे की है ? उत्तर :- उसकी सारंगी से
33. जैन को चौकीदार कैसे
ले गया ? उत्तर: जैन को चौकीदार बिल्ली के बच्चे की तरह बगल में घुसा कर ले गया ।
34. किसकी सांसे नाजुक
डोर से लटकी हुई थी ? उत्तरः- जेनको की
35. मरणासन्न जैन का
चेहरा क्या सुनकर दीप्त हो गया ? उत्तर:- खेतिहर बालाओ के मुंह से देहात के संगीत
को सुनकर जैन को चेहरा
दीप्त हो गया । जीवन के अंतिम बेला में उसे संगीत का मधुर स्वर सुनने को मिल
गया था।
36. जेन्को ने अपने लिए
सारंगी कैसे बनाया ? उत्तर :- जेन्को काठ के टुकड़ों और घोड़े के बालों की सहायता
एक सारंगी अपने लिए बना ली। उससे बड़ी ही धीमी आवाज आती थी।
37. ‘को वेडिस’ किसकी
रचना है ? उत्तर- हेनरिक सेंकेविच
38. जेन रात में क्यों
नहीं सो पाता था ?
उत्तर रात में जब मेढ़क
टर्राते, कुक्कुट चित्कार करते, दलदल में तितलौवे के धमाचौकड़ी मचाते, मुर्गे जब
बॉंग देते तो वह सो नहीं पाता था।
39. जेन्को ललचाई नज़रों
से किसको ताक रहा था और क्यों?
उत्तर जेन्को ललचाई
नजरों से वायलिन को ताक रहा था क्योंकि वायलिन उसके लिए दुनिया की सबसे कीमती चीज
थी. उसकी चाहत थी कि वह एक बार उसे अपने हाथों से छूकर या बहुत नजदीक से जाकर
देखे।
40. जैन में कौन-सी एक
अनोखी खूबी थी ? उत्तर- उसे संगीत से बहुत अधिक प्रेम था।
41. “माँ भगवान मुझे
स्वर्ग में असली वायलिन देगा ?” यह किसका कथन है ? अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर:- प्रस्तुत कथन
नन्हा संगीतकार का है जब चौकीदार वायलिन चोरी के आरोप में बेंट से बहुत पिटाई किया
तो जेन्को मरणासन्न हो गया। शाम के समय खिड़की से खेतिहर बालाओं के गीत और नदी के
कल-कल ध्वनि सुना तो वह अपनी माँ से पूछा कि माँ भगवान मुझे स्वर्ग में असली
वायलिन देगा? क्योंकि उसके पास काठ के टुकड़े से बनाई सारंगी थी।
42. जैन को किस चीज से
मुहब्बत थी ?
उत्तर:- जैन को बचपन से
ही संगीत से बेइंतहाँ मुहब्बत थी। यही मुहब्बत उसका जुनून बन गया था।
43. जैन के अनुसार जंगल
में कौन-कौन गाता है?
उत्तर :- जेन के अनुसार
पूरा जंगल ही गाता है। घास, लताएँ, फूल, फल सभी गाते हैं। घर के पिछवाड़े बगिया
में चिड़ियाँ चहकती हैं, चेरी का पेड़ सरसराता और कँपकँपा कर गायन करता है।
44. जेन की माँ उसे
गिरिजाघर क्यों नहीं ले जाती थी ?
उत्तर- गिरिजाघर के
संगीत एवं घंटियों की आवाज जेन को भावुक बना देती थी वह उस संगीत में खोकर बाह्य
जगत से कट जाता था। इसलिए माँ उसे गिरिजाघर में नहीं ले जाती थी ।
45. नन्हा संगीतकार को
न्यायाधीश ने क्या सजा दी ?
उत्तर संगीतकार को
न्यायाधीश ने बेंत से पीटकर छोड़ देने की सजा सुनाई –
46. जेन्को को किस अपराध
में सजा दी गई थी ?
उत्तर : वाइलिन चुराने
के आरोप में
47. काठ के फलक से किसने
सारंगी बनायी ? उत्तर :- जेन ने
48. जेन्को को किससे
मुहब्बत थी? उत्तर:- जेन्को को संगीत से मोहब्बत थी।
49. जेन्को को न्यायाधीश
ने जेल क्यों नहीं भेजा ? उत्तर :- न्यायाधीश ने देखा कि जेन्कों अत्यंत छोटा,
भयभीत
एवं कमजोर है इसलिए
न्यायाधीश ने जेन्को को जेल नहीं भेजा।
1. पठित कहानी के आधार पर नन्हा संगीतकार के प्रमुख
पात्र का चरित्र चित्रण कीजिए ।
उत्तर:- प्रस्तुत कहानी का प्रमुख पात्र एक छोटा
बच्चा है जिसकी संगीत प्रियता के कारण उसे नन्हा संगीतकार कहा गया है। कहानी में
उसकी संगीत प्रियता ही जन्म से मृत्यु तक देखने को मिलती है। जिसके चरित्रिक
विशेषताओं को हम निम्नलिखित प्रकार से देख सकते हैं
1)
कमजोर
बालक :- नन्हा बालक जैन जब पैदा होता है तो इतना कमजोर था कि किसी
को भी ऐसा नहीं लगता था कि वह जीवित रह सकेगा वहां आसपास इकट्ठा हुए लोग तो यहां
तक कहने लगे की इसकी आत्मा यहां वहां भटकेगी।
2)
परिस्थितियों का मारा :- जैन की
मां किस प्रकार से दो वक्त की रोटी जुटा पाती थी वह सिर्फ वही जानती थी। अक्सर जैन
भूख से बिलबिलाता रहता था। 8 वर्ष की अवस्था में ही वह अपनी सारी जिम्मेदारी
निभाने लगा और भेड़ बकरियों को चराकर जंगलों से मशरूम खोज कर खाता और जीवन निर्वाह
करता था। कहानी में बताया गया है कि अक्सर वह भूख से बिलखता था क्योंकि मां कई बार
अलमारी या डिब्बे में खाने के लिए कुछ नहीं रख पाती थी।
3)
संगीत
प्रेमी :- जैन का
मन जंगल में बसता था। हर किस्म की आवाज में उसे संगीत सुनाई देता था। जैसे-जैसे वह
बड़ा होता गया और सुर में उसकी दिलचस्पी बढ़ती गई और भेड़ बकरियां चराने जाता था,
साथियों के साथ जंगल में बैर चुनने, खाली हाथ ही घर लौटता था और मां को आकर तुतलाकर
बोलता, “ओह मां कैसा खूबसूरत संगीत या कैसी मधुर तान थी ला ला ला ऐसी बातों को सुनकर
उसके पड़ोसी ने उसका नाम ही रख दिया संगीतकार जेनको ।
4)
प्रकृति
प्रेमी :- जिनके जीवन का
अधिकांश समय जंगल में ही व्यतीत होता। वह अपने साथियों के साथ भेड़ बकरियां चराने
बेर चुनने जाता और जंगल की सुंदरता में ही डूब जाता। सभी निर्जीव वस्तुए उसे सजीव
प्रतीत होती थी । सूखी घास की सरसराहत गाती हुई, वृक्ष कंप करता हुआ बगिया में
चिड़िया चहचहात हुई तो आसमान में चंद्र चंद्रमा दमकता हुआ । उसके मन तो जंगल में
ही बसता था पूरा जंगल गाता है और उसकी प्रतिध्वनि से जंगल गूंज उठता है ।
5)
लापरवाह
लड़का :- जैन अपने कार्यों खानपान और वेशभूषा सभी के प्रति लापरवाह
था। जिसके कारण वह दिनोंदिन कमजोर और दुर्बल होता चला गया। उसकी आंखें हर वक्त
चौकनी और आंसुओं से भरी रहती छाती और गाल धसते चले जा रहे थे। वह कभी भी आम बच्चों
की तरह तंदुरुस्त नहीं हो पाया। फसलों की कटाई के वक्त तो वह फाकी ही करता था
क्योंकि उस समय वह केवल मशरूम खाकर जीवित रहता था।
6)
निठल्ला
और कमजोर बालक :- जेनको का मन
किसी भी काम में नहीं लगता था। उसकी शारीरिक कमजोरी के कारण जब वो खेत में सूखी
घास साफ करने जाता तो हवा की सरसराहट में खो जाता। दूर से देखने वाले लोग उसे जब
उसे हवा के संगीत में खोया हुआ देखते तो फुटपट्टी उठाकर दो तीन फटाक से मार देते थे
वह अक्सर जंगलों में ही घूमता रहता उसकी मां उसकी कलछी से पिटाई करती किंतु उसमें कोई
सुधार नहीं होता था।
2.
नन्हा
संगीतकार कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखो ।
उत्तर :- जैसा के शीर्षक से ही स्पष्ट है प्रस्तुत कहानी जैन
नाम के एक छोटे से बच्चे के संगीत प्रेम पर आधारित होने के कारण इसका नाम नन्हा संगीतकार
रखा गया है जिनके पैदा होने से मरने तक की जीवनी की विशेषता का वर्णन इस कहानी में
किया गया है। जब वह पैदा होता है तो मां और बेटे की स्थिति बहुत ही खराब होती है ।
इसीलिए पादरी को बुलाकर जल्दी-जल्दी उसका नामकरण करवाया जा रहा था ऐसा माना जाता है
कि नामकरण ना होने से उसकी आत्मा इधर-उधर भटकेगी लेकिन पादरी के आकर कुछ पूजा पाठ करने
के बाद मां की हालत सुधर गई और धीरे-धीरे वह कामकाज करने लगी । जैन की भी हालत धीरे-धीरे
सुधर गई किंतु वह दुबला पतला और नाजुक ही था। वह अपनी ही कल्पना की दुनिया में खोया
रहता था । जैन की पारिवारिक दशा अच्छी नहीं थी उसकी मां मुश्किल से दो वक्त का रोटी
जुटा पाती थी। वह जंगलों में मशरूम खोज कर खाता था। परिस्थितियों ने उसे ऐसा बना दिया
कि वह मेहनत के कार्य करने लायक नहीं रह गया था। जंगलों में घूमता और भूखे रहकर ही
समय काटता । खेत खलियान घास की सूखी पतियां प्रकृति के सभी चीजों में उसे संगीत सुनाई
देता था। शराब खाने में बजने वाले वायिलन और वहां थिरकते लोगों के पैरों की आवाज में
भी संगीत सुनाई देता था। जैन को वायिलन से इतना प्यार था कि वह काट के पटरी से घोड़े
की बाल की सहायता से सारंगी बना डाला। किंतु उसमें भला वायिलन की स्वर संगीत कहां से
आए ?
जैन की वायलिन प्रियता ने उसकी बेजान जिंदगी का भी अंत कर दिया।
बंगले के मालिक बैरन के वर्दीधारी नौकर पास एक वायिलन था जो अपनी प्रेमिका को खुश करने
के लिए वह बजाता था। उसके लिए वह दुनिया की सबसे बड़ी चीज थी। एक दिन वर्दीधारी सैनिक
के कहीं घूमने चले जाने पर जैन उस वायिलन तक पहुंचने का उपाय सोचने लगा। चंद्रमा की
रोशनी में जैन को वायिलन पूरी तरह से दिखाई दे रहा था जिसके तारों की झंकार की कल्पना
में उसे हवा, पेड़ की लताएं, सभी सजीव प्रतीत होने लगे जैसे मानो वालिन को पाने के
लिए उकसा रहे हो किंतु उसके मन में अनेकों विचार उठ रहे थे। वह अंदर तो घूसा लेकिन
डरते हुए उस समय किसी भी प्रकार की आहट से भयभीत होता था। वायिलन के पास पहुंचकर एक
अजीब सा संतोष का अनुभव करने लगा लेकिन तुरंत ही सिपाही बंगले में प्रवेश करता है और
माचिस की तीलियों के प्रकाश से चिल्लाया कौन है ? जैन को वायिलन के पास देखकर उस पर
लात जूतों की बरसात कर दी। दो दिन बाद जैन मजिस्ट्रेट के सामने ले जाया गया उसकी दुर्दशा
को देखकर मजिस्ट्रेट कुछ समझ नहीं पाता था इसलिए उसने जेल भेजने के बजाय उसे कुछ बेंत
लगाकर छोड़ देने को कहा जिससे वह फिर कभी चोरी ना करें लेकिन मंदबुद्धि वाले चौकीदार
ने उसे बेरहमी से पीटा उसने उसे इतना मारा जिससे वह मरनासन अवस्था में पहुंच गया ।
अगले दिन जेन उठ नहीं सका उसे उस अवस्था में भी पशु पक्षी और
पक्षियों की वहीं संगीत सुनाएं पढ़ता था। उसकी बनाई सारंगी उसके पास ही रखी थी जिसे
देखकर वायिलन की कल्पना में खुश तो हुआ किंतु मां के कहने के बाद सिसकियां लेते हुए
अपने अपने मां से पूछा कि मां मुझे स्वर्ग में असली वायिलन मिलेगा उसकी मां जवाब देते
हुए कहती है " हां मेरे बच्चे " और रो पड़ती है। अब जैन मर चुका था और उसकी
मां फूट-फूटकर रो रही थी किंतु जैन की आंखें खुली और निश्चल थी मुंह पर शांति
गंभीरता और दृढ़ निश्चय झलक रहा था। एक तरफ बैरन के परिवार के लौटने और इटली की
कलाकारों की प्रशंसाभरी हलचल थी तो दूसरी तरफ जेनको जैसे संगीतकार की कब्र पर
कीड़े मकोड़े की भिन्न-भिन्नाहत यदि जैन को कोई समझ पाता और उसे भी सुविधाएं मिली
होती तो शायद वह दुनिया का सबसे बड़ा संगीतकार बन जाता ।
3. नन्हा संगीतकार कहानी का उद्देश्य अपने शब्दों
में लिखें ।
उत्तर :- नन्हा संगीतकार’ हेनरी सेकेविच की एक चर्चित
प्रधान रचना है। जिनके माध्यम से कहानीकार ने यह समझाने का प्रयास किया है कि
ईश्वर सभी दरवाजे एक साथ बंद नहीं कर देता बल्कि एक दरवाजा बंद करता है तो दूसरा
दरवाजा खोल देता है। यद्यपि जैन जन्म से ही दुनिया के लिए मरा हुआ था फिर भी वह जो
कुछ सुन और समझ सकता था वह दूसरों के लिए संभव नहीं था जिसे लोग निठल्ला, बेकार और
कमजोर समझते थे उसमें ईश्वर ने संगीत की अदभुत कलात्मकता भर दी थी। जिनको तो प्राकृतिक के सभी उत्पादनओं
में संगीत की अजीब सी स्वर लहरी सुनाई देती थी किंतु लोग उसकी इस विशेषता को नहीं
समझ पाते थे । उस वक्त पर निराशा और असफलता ने उसे ऐसा तोड़ा उसे ऐसा अवसर ही नहीं
मिला कि वह अपने अंदर के कलाकार को पूरी दुनिया के सामने रख सके। उसे अपने अंदर की
प्रतिभा को दिखाने का कभी मौका ही नहीं दिया गया। प्रस्तुत रचना के माध्यम से
कहानीकार का प्रमुख उद्देश्य यह समझाना है कि किसी के अंदर का कलाकार को हमें
समझने की कोशिश करनी चाहिए और उस को विकसित बनाने के लिए उचित समय और उचित साधन
प्रदान करना चाहिए। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो उस कलाकार की दशा भी जैन की तरह
ही हो सकती है। परिस्थितियां जब इतनी प्रतिकूल होती हैं तो मृत्यु का कारण बनकर उभरती
है। यदि व्यक्ति को अपने अंदर की प्रतिभा का आभास नहीं हो पाता तो वही विशेषता
उसके लिए अभिशाप बन जाती है। अतः कहानीकार इस कहानी के माध्यम से समाज को यही
संदेश देते हैं कि किसी के अंदर की कलाकार को हमें समझने की कोशिश करनी चाहिए और
उसे विकसित बनाने में प्रयत्नशील रहना चाहिए ।
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