सुभान खा
रामवृक्ष बेनीपुरी
1. सुभान खान कहानी के लेखक
कौन है ? उतर :- रामवृक्ष बेनीपुरी
2. रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म
कब और कहां हुआ ? उतर :- 23 दिसंबर 1902 ई0 में मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर
गांव में।
3. लेखक सुभान दादा से कौनसी
सौगात लाने के लिए कहता है ? उत्तर :- छुआरे
4. जियारत का क्या अर्थ है ? उत्तर :- तीर्थ यात्रा
करना ।
5. किस दिन लेखक को बचपन से
मुसलमान बच्चों की तरह कूदना पढ़ता था ? उत्तर :- मुहर्रम के दिन
।
6. सुभान दादा का क्या अरमान
था ? उत्तर :- मस्जिद बनाने का ।
7. सुभान खान का घर किस का
अखाड़ा था ? उत्तर :- बच्चों का ।
8. मजदूरी करने के विषय में उनकी
क्या राय थी ? उत्तर :- मजदूरी करने के विषय में उनकी राय थी कि व्यक्ति
को काम करते समय अल्लाह को ना भूलना और अल्लाह से फुरसत पाकर फिर अपने काम में
जुड़ जाना चाहिए |
9. लेखक के मामा और सुभान
दादा अपने किन पर्व पर एक दूसरे को नहीं भूलते थे ? उत्तर :- लेखक के मामा
सुभान दादा को होली तथा दीपावली पर और सुभान दादा ईद , बकरीद पर एक दूसरे को
आमंत्रित करना कभी नहीं भूलते थे ।
10. लेखक के सौगात मांगने पर
सुभान दादा ने क्या कहा ? उत्तर :- लेखक के सौगात मांगने पर सुभान दादा ने कहा कि
वहां से लोग खजूर और छुहारे लाते हैं |
11. पश्चिम दिशा की तरफ मुंह
करके सुभान दादा क्यों नमाज पढ़ते थे ? उत्तर :- कहा जाता है कि
पश्चिम ओर के मुल्क में अल्लाह के रसूल आए थे । जहां से रसूल आए थे वहां तीर्थ है
। इसलिए सुभान दादा उन तीर्थों की ओर मुंह करके नमाज पढ़ते थे ।
12. सुभान खा पेशे से क्या थे
? उत्तर :- राजमिस्त्री ।
13. अल्लाह के रसूल किस मुल्क
से आए थे ? उत्तर:- पश्चिम के मुल्क ।
14. सुभान खान के अनुसार
अल्लाह किससे बातें करते हैं ? उत्तर:- रसूल से ।
बोधमुलक प्रश्न
1.
सुभान दादा कर्ज के पैसे से क्यों नहीं जाना चाहते थे?
उत्तर:- सुभान दादा का कहना है कि कर्ज के पैसे से तीर्थ करने जाएं तो सवाब नहीं मिलता। इसलिए वह कर्ज के पैसे से नहीं जाना
चाहते थे।
2.
सुभान दादा का क्या अरमान था, वह कैसे पूर्ण हुआ?
उत्तर:- सुभान दादा का मस्जिद बनाने का अरमान था । वह साधारण राजमिस्त्री थे। उनका सपना था कि वह अपनी जिंदगी में एक मस्जिद जरूर बनाए। सुभान दादा को लेखक के मामा ने अपने बगीचे से मस्जिद के लिए सारी लकड़ियां दी थी।
सुभान दादा ने अपनी जिंदगी भर की कमाई इस मस्जिद बनाने में लगा दी। मस्जिद के सारे
नक्शे उन्होंने खुद खींचे थे और अंत में एक बहुत ही सुंदर मस्जिद बनकर तैयार हो
गई।
3.
इस पाठ की किन घटनाओं से सांप्रदायिक एकता का पता चलता है?
उत्तर:- इस पाठ में हमें लेखक और सुभान दादा की बातचीत तथा अपने-अपने त्योहारों में एक दूसरे को निमंत्रण देने तथा साथ में एक दूसरे का त्यौहार मनाते देख कर सांप्रदायिक एकता का पता चलता है। ईद बकरीद के दिन सुभान खान लेखक को नहीं भूलते तथा होली दिवाली दिन सुभान खान को लेखक की
नानी पूए, खीर परोस कर खिलाती
थी। लेखक अपने हाथों से अबीर लेकर उनकी दाढ़ी में मिलते थे। सुभान दादा मक्का से
छुहारे लाकर बड़े ही प्रेम से लेखक को दिए थे। मस्जिद के सारी लकड़ी लेखक के मामा
के बगीचे से आई थी । जब मस्जिद बनकर तैयार हो गई तब उस मस्जिद को देखने सभी हिंदू
और मुसलमान दोनों ही आए थे। हिंदुओं के सत्कार के लिए मिठाई पान इलायची का अलग से
प्रबंध किया गया था इन्हीं घटनाओं से सांप्रदायिकता का पता चलता है।
4.
सुभान दादा ने हिंदुओं का सत्कार किस प्रकार किया?
उत्तर:- सुभान दादा ने हिंदुओं के सत्कार करने के लिए हिंदू हलवाई रखकर तरह-तरह की मिठाइयां बनवाई थी तथा पान इलायची का भी प्रबंध किया था।
5.
सुभान दादा का चरित्र
चित्रण संक्षेप मे कीजिए । (छा वाक्यों में)
उत्तर:- सुभान खान’ कहानी के
एक पात्र हैं। वह एक बूढ़े राजमिस्त्री थे जो अपने काम से बहुत प्रेम करते हैं ।
वह अपने काम के प्रति सजग रहते थे तथा काम से फुरसत पाकर ईश्वर को याद करते ।
सुभान खान के अंदर जाति धर्म संप्रदाय को लेकर कोई भी गलत भावना नहीं थी। वह सीधे
साधे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। वह बच्चों से बहुत प्रेम करते थे तथा प्रत्येक
धर्म की इज्जत करते थे। हिंदुओं का भी सत्कार करते थे। अपनी ईमानदारी के कारण
झगड़ों की पंचायतों में उन्हें पंच निश्चित किया जाता था।
भाषा बोध
1.
निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कर संधि का
नाम लिखिए ।
संसार = सम् + सार = व्यंजन संधि
पवित्र = पो + इत्र = स्वर संधि
शिष्टाचार = शिष्ट + आचार = स्वर संधि
आनंदातिरेक = आनंद + अतिरेक = स्वर संधि
सज्जननता = सत् + जनता = व्यंजन संधि
सत्कार = सत् + कार = व्यंजन संधि
उद्घाटन = उत् + घाटन = व्यंजन संधि
2.
निम्नलिखित सामासिक पदो का समास विग्रह कर समास
का नाम लिखिए ।
दाढ़ी - मूछ = दाढ़ी और मूंछ = द्वन्द्व समास
पूरब – पश्चिम = पूरब और पश्चिम = द्वन्द्व समास
भाव – विभोर = भाग में विभोर = तत्पुरुष समास
बड़ी – बड़ी = बड़ी-बड़ी =कर्मधारय समास
रस – भरी = रस से भरी = तत्पुरुष समास
लाल – छड़ियाँ = लाल है जो
छड़ियाँ = कर्मधारय समास
3. निम्नलिखित
शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए ।
अरमान = इच्छा,,चाह ,कामना
मुल्क = राज्य,देश,राष्ट्र
नूर = रोशनी , प्रकाश, उजाला
तकदीर = भाग्य,नसीब , किस्मत
सौगात =उपहार, तोहफा , भेट
पेड़ = वृक्ष , तरु, पौधा
बगीचे = बाग , उपवन, उद्यान
4.
निम्नलिखित उर्दू शब्दों के हिंदी अर्थ लिखकर
वाक्य में प्रयोग करो
पैक = परिक्रमा – मुहर्रम के दिन ताजिए का पैक किया जाता है ।
तसबीह = माला – बुजुर्ग लोग हाथों में तहबीस के दाने फिरते हैं |
रसूल = ईश्वर = भगवान के दूत को
रसूल कहते हैं ।
पेशानी = लीलार (forehead) = उसकी पेशानी पर चमक है ।
उम्र – दराज = उम्र का बड़ा = मेरे दादाजी उम्रदराज व्यक्ति हैं |
नूरानी र् चमकीला = उनके चेहरे से
नूर झलकता है ।
मुकर्रर = निश्चित = सुभान दादा को सब लोग पंच मुकर्रर करते थे |
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